चंडीगढ़ में मेयर और प्रशासक में टकराव; कुलदीप कुमार ने कहा- मिलने का समय दे मिले नहीं, अब गवर्नर हाउस से बयान- यह बोलना गलत
Chandigarh Mayor-Administrator Controversy Latest News Update
Chandigarh Mayor-Administrator: पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार के साथ गवर्नर बनवारी लाल परोहित का टकराव देखा जा चुका है। वहीं अब इसी तरह का टकराव चंडीगढ़ में आप मेयर कुलदीप कुमार और बतौर प्रशासक बनवारी लाल परोहित में देखने को मिल रहा है। दरअसल, टकराव की यह स्थिति उस समय सामने आई. जब मेयर कुलदीप कुमार ने प्रशासक पुरहित से मिलने के लिए अपॉइंटमेंट ली। लेकिन अपॉइंटमेंट मिलने के बावजूद कुलदीप कुमार की मुलाक़ात प्रशासक से नहीं हो पाई।
मेयर ने आरोप लगाया है कि, प्रशासक ने उनसे मिलने से मना कर दिया। जबकि उन्होने अपॉइंटमेंट ले रखी थी। इसके बावजूद उन्हें बिना मिले वापस लौटा दिया गया। मेयर का कहना था कि उन्हें प्रशासक से शहरवासियों को 20,000 लीटर मुफ्त पानी उपलब्ध कराने और पानी की दरों में 5% की बढ़ोतरी समेत अन्य कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करनी थी। लेकिन प्रशासक लोगों के मुद्दों पर बात नहीं करना चाहते। मेयर ने कहा कि प्रशासक लोगों के मुद्दों को सुनने से मना कैसे कर सकते हैं?
अब गवर्नर हाउस से बयान- यह बोलना गलत और निंदनीय
इधर अब मेयर कुलदीप कुमार के आरोप पर गवर्नर हाउस से आधिकारिक बयान जारी किया गया है। गवर्नर हाउस से जारी बयान में कहा गया है कि, मेयर ने प्रशासक के मिलने से इनकार के बारे में जो भी कहा है वो सरासर गलत है और निंदनीय है। अगर प्रशासक का मेयर से मिलने का इरादा न होता तो उन्हें अपॉइंटमेंट पहले से ही नहीं दी जाती।
1 घंटे पहले अपॉइंटमेंट रद्द होने की जानकारी दी, फिर भी आए
गवर्नर हाउस से जारी बयान में कहा गया है कि, मेयर कुलदीप कुमार को प्रशासक के साथ बैठक से 1 घंटे पहले अपॉइंटमेंट रद्द होने की जानकारी दी जा चुकी थी। लेकिन वो फिर भी पंजाब राज भवन पहुंचे। गवर्नर हाउस ने कहा कि, राजभवन में मेयर की अपॉइंटमेंट रद्द करना आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के अनुरूप है।
'शिष्टाचार भेंट' के लिए अपॉइंटमेंट मांगी लेकिन...
गवर्नर हाउस से जारी बयान में आगे कहा गया कि मेयर कुलदीप कुमार ने प्रशासक बनवारी लाल परोहित से किसी विशेष उद्देश्य का उल्लेख किए बिना, 'शिष्टाचार भेंट' के रूप में अपॉइंटमेंट मांगी थी। इसलिए उनकी अपॉइंटमेंट स्वीकार कर ली गई। लेकिन बाद में मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से यह बात सामने आई कि मेयर की मंशा प्रशासक के साथ प्रत्येक घर को 20,000 लीटर मुफ्त पानी, पानी की दरों में वार्षिक बढ़ोतरी और अन्य विकासात्मक कार्यों सहित कई मुद्दों पर चर्चा करने की है।
जहां शिष्टाचार भेंट की आड़ में मुलाकात के उनके वास्तविक इरादे के बारे में पढ़ने के बाद ही उनकी अपॉइंटमेंट रद्द कर दी गई। मगर अपॉइंटमेंट रद्द होने के बावजूद मेयर पंजाब राजभवन पहुंचे, जहां उन्हें फिर से यह समझाया गया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण ऐसे किसी भी एजेंडे पर चर्चा नहीं की जा सकती। गवर्नर हाउस से कहा गया कि, प्रशासक के न मिलने के संबंध में मेयर के मीडिया बयान के मद्देनजर, तथ्यों का स्पष्ट होना आवश्यक है; इसलिए यह स्पष्टीकरण जारी किया गया है।